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Tuesday, February 13, 2024

किसान आन्दोलन 2.0 : किसान या कोई और ?

 पिछले दो दिन से पंजाब के किसान दिल्ली में आने के लिए प्रयासरत है. उनकी मांग एमएसपी की. क्या सिर्फ पंजाब के किसानों को ही एमएसपी चाहिए ? बाकि पुरे देश के किसानो को इसकी जरुरत नहीं है ? 

सरकार कह रही है की वो बातचीत करने को तैयार है , फिर इन तथाकथित किसानो की दिल्ली आने की जिद्द क्यों ?

क्या ये सच में किसान है ?  अबकी बार सबकी जुबान पर एक यही सवाल है . शक की सुई खालिस्तानी आंतकवादियों की तरफ़ घूम रही है . ऐसे में आंतकी नेता पन्नू का सन्देश इस शक के दायरे को और मजबूती देता है . इन सभी किसानों को इतने खर्चे पानी के  लिए धन कहाँ से उपलब्ध हो रहा है ? सभी किसान कह रहे है की वो 6 महीने की तैयारी करके आ रहे है . क्या वो सब इतने अमीर है की पूरा खर्चा उठा सकते है ? और अगर वो सब इतने अमीर है तो फिर एमएसपी क्यों चाहते है ? क्या इस लड़ाई में गरीब किसान भी शामिल है ? 

क्या ये किसान आन्दोलन वाले परजीवी जानते है की इन की इन हरकतों की वजह से आम जनता को कितनी परेशानी होती  है ? दिल्ली का बॉर्डर सील होने से सभी आने जाने वालों को कितनी परेशानी हो रही है ? पिछले बार एक साल तक वो दिल्ली को घेर कर बैठे रहे . 

आम जनता को इनके विरोध में आवाज़ उठानी होगी, नहीं तो ये सब ऐसे ही जनता को परेशान करते रहेंगे. 

अभी देश में आम चुनाव आने वाले है . सभी विरोधी प्रधान मंत्री मोदी को हटाना चाहते है . इस के लिए वे किसी भी हद तक नीचे गिर सकते है. सरकार को इन उपद्रवियों के साथ सख्ती से पेश आना होगा. ये चाहते है कि कोई मुद्दा बनाया जाये और प्रधानमंत्री को नीचा दिखाया जाये . 

ये सब जो इनकी मांगे है पहले इन्हें अपने राज्य की सरकार के सामने रखनी चाहिए. क्योकि ये असली किसान नहीं है , और इनको  दिल्ली में गंदगी फ़ैलाने आना है, इस लिए इन्होने अपनी मांगे राज्य सरकार पर न रखकर, केन्द्रीय सरकार पर थोप रहे है , ताकि दिल्ली में आकर तोड़फोड़ कर सके . उन का मुख्य उद्देश्य भी यही है . 

ये कोई नया प्रोजेक्ट है जो इन उपद्रवियों को दिया गया है. इसमें विदेशी शक्तियों का भी हाथ हो सकता है . सरकार को चाहिए की इस सब की उचित जाँच पड़ताल करवाए . दोषियों को देशद्रोह के आरोप में सख्त सजा दे. 

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