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Saturday, March 25, 2023

चाहत!

 तुम

समझती नहीं हो,
या समझना नहीं चाहती हो?
मेरे दिल के भावों को,
मेरी चाहतों को,
मेरे लगाव को,
जो, मैं,
चाह कर भी,
नहीं छुपा पाता हूं तुमसे,
फ़िर भी,
नहीं बोल पाता हूं मैं,
कैसे बताऊं तुम्हें,
मैं,
तुम्हें
कितना चाहता हूं!

अंबर हरियाणवी
@kiloia