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Thursday, November 26, 2020
Tuesday, November 10, 2020
Tuesday, November 3, 2020
Monday, October 5, 2020
लाशों पर राजनीति !!!!
क्यों नहीं हिचकते लोग
अपनी रोटियाँ सेकने से
किसी भी जलती चिता पर !
आ जाते हैं निकल-निकल कर
भूखें नंगों की तरह
राजनीति खेलने को...
सब की भावनाओं का मज़ाक उड़ाते
बेशर्म और बेग़ैरत बन
जिन्हें सिर्फ़ पसन्द हैं
दूसरों के आँसू
मौत पर मनाते जश्न
उजाले के चेहरे अलग हैं
रात की कालिमा से !
जो आ जाते हैं निकल कर बाहर
करते हैं इंतज़ार
कोई बलात्कार होने का
किसी को जलाए जाने का !
दलित हो तो बात ही क्या
ये तो राजनीति के पत्तों का नरपति
हर राजनेता बन जाता है हमदर्द
मगरमच्छ के आँसू
जनता की सहानुभूति
एक नया वोट बैंक
पा सके खोई इज्ज़त
पा सके खोई कुर्सी
उन्हें तो राजनीति करनी है
लाशों की राजनीति !!!
©KILOIA
JKSF/0004/2018
02102020/20:48:00
#kiloia
#amberhariyanvi
#mukeshgoelkiloia
औरत !!!
औरत ही तो माँ बेटी और बहन होती है
औरत ही तो इंसान का जहन होती है।औरत से ही तो है वजूद इंसान का
औरत से ही तो है सबूत भगवान का।
औरत ही अच्छाई और बुराई है
औरत ही पहले धरा पर आई है।
औरत से ही शुरुआत है परिवार की।
औरत से ही बनी दुनिया घर संसार की।
औरत का ही हुआ है आज बुरा हाल।
औरत को होगा मर्द पैदा करने का मलाल।
औरत पर आज पुरुष ने आँख गड़ाई है।
छोटी बच्चियो की इज्जत पर भी आंच आई है।
क्यो मर्द बन गया है हैवान?
क्यो आज वो बन गया है शैतान?
नही है जरा भी दया धर्म बाकी
औरतों को बनाता है वो साकी
लुटता है इज्जत डरता नही है
उसकी हैवानियत का पेट भरता नही है।
कब आयेगी अक्ल इंसान को,
कब मारेगा अंदर के हैवान को,
क्यों हो गया हैं वो बहशी दरिंदा
क्यों नहीं होता अपने कर्म पर शर्मिंदा
क्यों नहीं हम कुछ कर पाते है
क्यों नहीं शैतानों को फांसी पर लटकाते है।
जागो अब तो उठा लो हाथों में हथियार,
काट दो उन्हें जो मासूमों से करे बलात्कार।
Thursday, August 13, 2020
Saturday, July 18, 2020
कौन है वो?
सवाल हजारों होते हैं
सबकी नज़रों में
न जाने क्यों?
अगर लिखूँ मोहब्बत पर
तो सबकी आँखे पूछती हैं
कौन है वो?
अगर लिखूँ नफ़रत पर
तो फ़िर एक ही सवाल।
कौन है वो?
एक बार लिख दिया यूँ ही
तुम बेवफ़ा न होतीं !
रात भर सब ने पूछ डाला
कौन है वो?
ऐसे ही सवालों ज़वाबों में
मैं भी अक़्सर रहता हूँ ढूंढ़ता
कि
आख़िर
कौन है वो?
*अम्बर हरियाणवी*
*©️KILOIA*
Tuesday, June 30, 2020
Thursday, June 25, 2020
जिन्दगी और हम !
Monday, June 15, 2020
"आत्महत्या किसी चीज़ का इलाज़ नहीं।"
हर कोई मसरूफ है।
यहाँ तमाशाई है हर कोई
ये तन्हाई क्या ख़ूब है।
जिन्दगी से भर गया मन
चलने की तैयारी है,
गमों के समंदर में यारों
मौत सब से प्यारी है।
"आत्महत्या किसी चीज़ का इलाज़ नहीं।"
"दुःख है तुम्हारी मौत का सुशान्त, पर आत्महत्या....अफ़सोस कायराना हरक़त है, कोई इसे न अपनाएं।"
अम्बर हरियाणवी
Thursday, June 11, 2020
अनलॉक डाउन 1
लोग ये क्यों नहीं समझ रहे है की सरकार ने ढील दी है , कोरोना ने नहीं .
अपने घर पर रहे सुरक्षित रहे .
अम्बर हरियाणी
Tuesday, June 2, 2020
एक मुट्ठी धूप !
Saturday, May 30, 2020
आहवान !
Friday, May 29, 2020
दिल्ली और कोरोना !
पुरे भारत के साथ दिल्ली में भी पहले २२ मार्च को जनता कर्फ्यू के था ही लॉक डाउन शुरू हुआ. लॉक डाउन 1.0, लॉक डाउन 2.0 बहुत अच्छा रहा . लॉक डाउन ३.0 में लोगों को खुजली होने लगी. सरकार जनता के बारे में नहीं सोच रही है . काम नहीं होगा तो लोग भूखे मर जायेंगे . सभी लोग सरकार पर अपना गुम्बार निकालने लगे . इस दौरान कोरोना पुरे नियन्त्र्ण में था .
पर कुछ राजनीती, कुछ लोगों
को काम की चिन्ता, सरकार ने लॉक डाउन ४.0 में बहुत छुट दे दी . १७ मई को लॉक
डाउन ३.0 ख़तम हुआ, लॉक डाउन ४.0 शुरू हुआ. सरकार ने कुछ छुट दे दी , दुकानें खोलने
की आज्ञा दे दी , लोगों को लगा की उन्हें आजादी मिल गयी है . सभी घरों से बाहर निकल आये . लोगों को लगा की कोरोना उनका
कुछ नहीं बिगाड़ पायेगा. बहुत से लोग तो मास्क लगाना भी जरुरी नहीं समझ रहे है.ऐसे
में कोरोना को मौका मिल गया . जहाँ पहले 100 – १५० केस हर दिन के आ रहे थे , धीरे
धीरे बढ़ते बढ़ते कल (२८मई 20) ११०० केस एक दिन के हो गए . कुल मिलकर १६२८१ कैसें २९
तारीख तक को दर्ज हुए . २७, २८ और २९ मई को संख्या 1000 प्रतिदिन के आसपास हो गयी . ११ दिन में क़रीब ६५०० नए केस
आ गए .
अचानक से इतने केस बढ़ने
का कारण लोगों की भीड़ बढ़ने से हुआ . सभी पैसा कमाना चाह रहे है . लेकिन लॉक डाउन
४.0 में सब को समझ आ गया की पैसे से ज्यादा जान बचाना जरुरी है . पहले सरकार ने दो
महीने सभी को अच्छी तरह से समझा दिया की घर में रहने में ही भलाई है , परन्तु जनता
को समझ नहीं आ रहा था . उन्हें लग रहा था की सरकार उन्हें बेवकूफ़ बना रही है . हम घर
पर रहेंगे तो काम कैसे चलेगा ?
इसलिए लॉक डाउन ४.0 में
सरकार ने जनता को पूरी छुट दे दी . सुबह ७ बजे से शाम ७ बजे घुमो फिरो , कोई
रोकटोक नहीं . लोग ने भी मनमर्जी शुरू कर दी . नतीज़ा ११ दिन में ६५०० नए केस .
पहले प्रतिदिन २०० – २५० केस ही आते थे , अब प्रतिदिन का आकड़ा ११०० को पार कर गया .
शायद लोगो को समझ आने लगा
है की कहीं कुछ ग़लत होने जा रहा है . दुकानदारों को लग रहा था की सरकार जबरदस्ती
उनकी दुकानें बंद करवा रही है, लेकिन अब उन्हें समझ आ गया है की सरकार सही थी, अपने
घर में रहने में ही भलाई है . अब सब अपनी मर्जी से दुकान बंद कर रहे है .
शायद अब लोगो को समझ में
आ जाये की अपनी सुरक्षा कितनी जरुरी है . भारत में लोगों को सब चीजों का मजाक
बनाने की आदत सी हो गयी है . उन्हें लगता है की कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पायेगा
. परन्तु अब ऐसी नौबत आ गयी है की कोरोना का कोई भी चिन्ह नज़र नहीं आता और इंसान
कुछ ही घंटो में चल बसता है .
सरकार के पास भी इतने
साधन नहीं है की सब को हॉस्पिटल में भर्ती रख सके . अभी कोरोना का कोई भी इलाज़
नहीं है . दो दिन पहले के समाचार ने शायद सब को जरुर हिला दिया होगा . किसी
हॉस्पिटल में १८० से ज्यादा लाशें अपने अंतिम संस्कार की प्रतीक्षा में है . श्मशान
घाट पर पूरी सुविधाएँ नहीं है . मृतक का शरीर भी परिवार वालो को नहीं दिया जा रहा
है . लोगों को स्तिथि शायद समझ में आ जाये . अपनी सुरक्षा सब से जरुरी है . २०२०
निकल जाये . जान बची रहेगी तो २०२१ में सब करना जो इच्छा हो .
घर पर रहे, सुरक्षित रहे !
अम्बर हरियाणवी
#KILOIA