उन्हें दिल्ली आना है .....शांतिपूर्वक ...(हालाँकि शांति से उनका दूर दूर तक रिश्ता नहीं है . उनके हावभाव देख कर लगता है कि शांतिपूर्वक आयेंगे ? उनका पहले से ही शांतिभंग करने का मन है . तलवार और ट्रेक्टर , सीमा पर पुलिस से भिडंत . जब चंडीगढ़ में ही बात नहीं मान रहे तो , दिल्ली आकर वो कैसे मानेगे? उन्होंने पहले से ही दंगा करने के पैसे लिए हुए है . अपने आकाओं को कैसे खुश करेंगे शांतिपूर्वक तरीके से ?
अबकी बार सरकार को सख्त कदम उठाने होंगे . अगर गोली भी मारनी पड़े तो मारे. ये सब उग्रवादी है , इनमें कोई भी किसान नहीं है . सब खालिस्तानी सरदार है .
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